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  • Writer's pictureSachin G

प्यार के अलावा कुछ नहीं आता

हूँ सुनाता शायरी किसी और की

जानेमन मुझे इझार करना नहीं आता

.

और गौर से सुन ना ज़रा अल्फ़ाज़ मेरे

वो क्या है ज़ाहिर जज़्बाद करना नहीं आता

.

के इश्क़ मोहब्बत प्यार करना है मगर

औरों की तरह किसी को बर्बाद करना नहीं आता

.

जान रूठ जाना तुम कभी कभी

मैं जाहिल हूँ मनाना हर बार नहीं आता

.

मैं जैसा हूँ मैं वैसा ही रहूँगा

किसी और का किरदार निभाना नहीं आता



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