top of page
Search
  • Writer's pictureSachin G

सब बिछड़ जाएँगे

हर रोज़ मिलेंगे फिर बिछड़ जाएँगे

यादों के सहारे महफ़िल में उतर जाएँगे

लोग मिलेंगे ओर गले लगाएँगे हमें

फिर देर रात सब अपने अपने घर जाएँगे

.

.

कुछ आएँगे रुलाएँगे

बहलायेंगे फुसलाएँगे

हम रो गए कल महफ़िल में

आज फिर महफ़िल में जाएँगे

.

.

दिल थक चुका अब डरने से

हम गिर कर भी उठ जाएँगे

माँ करती है इंतेज़ार तभी

हम हँस कर ही घर जाएँगे

हम हँस कर ही घर जाएँगे



6 views0 comments

Recent Posts

See All
bottom of page