जब हार जाऊँगा खुद से
तुम जीत बनोगी ना मेरी ?
छोड़ कर हाँथ सबका,मीत बनोगी ना मेरी
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जब खो जाऊँगा अंधेरे में
जब रो जाऊँगा अकेले में
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जब ख़त्म हो जाएँगी उम्मीदें सारी
जब रूठ जाएँगी क़िस्मतें हमारी
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जब ढह जाएगा मकान मेरा
जब दे ना पाऊँ मैं साथ तेरा
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जब अकेला रहने लगूँ
जब खुद में ही खोने लगूँ
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जब सोचूँ घर ना जाऊँ
जब जीते जीते मर जाऊँ
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तुम जीत बनोगी ना मेरी
छोड़ कर हाँथ सबका,तुम मीत बनोगी ना मेरी
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मेरा वो खुद में खो जाना
बात करते करते बीच में सो जाना
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मेरा वो तुमको परेशान करना
फ़ालतू बातें कर के हैरान करना
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तेरी पीठ पर अपनी उँगलियो से कुछ लिखना
नींद खोल कर जवाब की माँग करना
तुझे यूँही बेवजह परेशान करना
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तुझे वक्त पर मिलने बुलाकर
खुद देर से आना
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जान बुझ कर गलती करना
फिर तेरे हाँथ से मार खाना
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अगर कभी ग़ुस्सा आए तो गलती माफ़ करोगी ना मेरी
छोड़ कर हाँथ सबका तुम मीत बनोगी ना मे